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उपहार

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

  यह प्यारी सी कविता हमे भेजी है, कवि राज  डां अनिल सवेरा जी ने, अगर आप भी कोई बाल कविता भेजना चाहे या आप इस ब्लांग से जुडना चाहे तो हमे मेल करे, आप सब का स्वागत है.

उपहार

पापा ले  आये एक माला,
मुन्नी ने था  भगंडा डाला.




माला लगी उसे बडी प्यारी,
खुश थी  उस की सखियां सारी.



पहन  उसे वह गई स्कूल,
लिया  वहां  से गुलाब का फ़ुल.


पापा को दिया  उपहार,
पापा ने किया बहुत प्यार

9 आप की राय:

Randhir Singh Suman said...

nice

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर कविता.

रामराम.

पूनम श्रीवास्तव said...

Bahut sundar balgeet----hardik badhai.

Akshitaa (Pakhi) said...

बहुत प्यारा लगा ये बाल गीत.


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"पाखी की दुनिया" में इस बार पोर्टब्लेयर के खूबसूरत म्यूजियम की सैर

VICHAAR SHOONYA said...

beautiful poem as well as the blog.

Yatish Jain said...

बहुत खूब !!!

Akshitaa (Pakhi) said...

पापा का प्यारा उपहार...बढ़िया है न.
_________________________
'पाखी की दुनिया' में जरुर देखें-'पाखी की हैवलॉक द्वीप यात्रा' और हाँ आपके कमेंट के बिना तो मेरी यात्रा अधूरी ही कही जाएगी !!

jamos jhalla said...

माला के बदले फूल यानी श्रंगार के बदले श्रंगार बहुत खूब +वधिया++अति सुन्दर

ज्योति सिंह said...

bahut sundar w pyaari rachna

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