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माफ़ी

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

डा० अनिल सवेरा जी की एक अति सुंदर कविता.......

माफ़ी
बंदर बाबु झुला झुलें,
लेकिन बंदरिया को भुले.
बंदरिया हो गई नाराज,
बोली मै तो लडुंगी आज.


अकेले झुला क्यो झुले तुम,
अपनी पत्नी को क्यो भुळे तुम.
तुम ने तोड दिया दिल मेरा,
आग बावुला हुआ मेरा तन.


बंदर जी ने मांगी माफ़ी,
बोले इतना क्रोध है काफ़ी.
अब ना कभी अकेला झुलू,
प्राण प्रिय ना तुम को भुलु.

परिचय डा० अनिल सवेरा जी का

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो आप इस ब्लांग पर ज्यादातर डा० अनिल सवेरा जी की सुंदर  कलम से लिखी बाल कवितायें पढते है, लेकिन उन से आप का कभी परिचय नही करवाया था, फ़िर एक बार मैने उन से प्राथना की कि आप अपने बारे मै कुछ विस्तार से बतलाये ताकि मेरे पाठक आप के बारे कुछ जान सके, ओर उन का परिचय मुझे मेल से मिला, वो आप को प्रस्तुत कर रहा हुं, अनिल जी का धन्यवाद.

अनिल जी का पुरा नाम डां० अनिल गोयल है, उपनाम उन्होने सवेरा रखा है,वो सपुत्र है स्व० श्री कैलाश चंद गोयल जी के, ओर उन की माता जी का नाम है श्री मती लीला वती गोयल, वो शादी शुदा है, उन की बीबी का नाम श्री मती अर्चना गोयल है,भगवान की दया से इन के तीन बच्चे है दो सुंदर सी बेटिया निष्ठा ओर प्रतिष्ठा ओर एक सपुत्र अशंक गोयल, अनिल जी का जन्म ५ जुलाई १९६३ मे जगाधरी ( हरियाणा ) मे हुआ,

फ़िर इन की शिक्षा भी बहुत अच्छी हुयी, प्रभाकर,बी ए,बी एड, एम ए (हिन्दी ) एम ए इतिहास,बी जे एम सी, पी जी डी टी, डी सी एच, डिप्लोमा उर्दू, संस्कृत भाषा प्रमाणपत्र, पी एच डी, पर्यावरण शिक्षा प्रमाण पत्र,

काम ..... अध्यापम( राज भाषा  हिन्दी ) विद्धालय शिक्षा विभाग, हरियाणा.स्काऊट, ओर ए एन टी,
प्रकाशन  से जुडे है....देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाऒं में समीक्षाएं, बाल कविताएं,कविताएं, गजलें,लेख,लघु कथाएं आदि प्रकाशित होती रहती है,
पुस्तकें...हरियाणवी लोक नाट्याकार एवं सांगी (जीवन परिचय ) हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत, हरियाणवी नृत्यगीत एक अध्ययन (ह० सा० अ० से प्रकाशित),बीसवीं शताब्दी उत्तरार्द्ध में लिखित हरियाणा  के हिन्दी नाट्या साहित्य का शोधात्मक अध्ययन ( शोध ग्रंथ ), हरियाणा साहित्य अकादमी से प्रकाशित,उज्जवल बने  भविष्य हमारा ( बाल काव्य संग्रह ) हरियाणा साहित्य अकादमी के अनुदान से प्रकाशित, लक्ष्य रखो सदा महान (बाल काव्य संग्रह ) शीघ्र प्रकाशित.

पुरस्कार एवं सम्मान....पंजाब विश्वविद्धालय से पत्राचार विभाग से पदक प्राप्त, हरियाणा विद्धालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी से अनेको बार पुरस्कृत व सम्मानित, हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत, लोक संपर्क विभाग हरियाणा से पुरस्कृत, जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग हरियाणा से कई बार पुरस्कृत, विभिन्न विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाऒं  से पुरस्कृत,आप की महफ़िल ( साहित्यिक संस्था ), यमुना नगर व विभिन्न संस्थाऒ से सम्मानित,

प्रसारण...दूरदर्शन (हिसार ) से साक्षात्कार प्रसारित, आल इंडिया रेडियो कुरुक्षेत्र से वार्ताएं व रचनाएं प्रसारित,एजूसेट(विद्धालय शिक्षा विभाग, हरियाणा हेतू) से शैक्षिक प्रसारण, बिग एफ़.एम शिमला से बाल कवितायं प्रसारित.
विशेष.. हरियाणवी सांग परम्परा पर दूर दर्शन हिसार हेतू स्क्रिप्ट लेखन.
रुचियां.... नाट्य लेखन, मंचन, निर्देशन, अभिनय, मंच संचालन, छायांकन, भ्रमण, हरियाणवी लोक साहित्या तथा राष्ट्रभाषा हिन्दी पर सतत शोध, समाज सेवा आदि,
सम्पर्क करने के लिये, ओर बधाई संदेश देने के लिये अनिल जी का पता ओर फ़ोन ना०...
८२९ राजा साहब गली, जगाधरी-१३५००३, जिला यमुना नगर ( हरियाणा)
फ़ोन ना०...०१७३२-२४३२७३,०९४१६३-६७०२०
ओर इन का ई मेल आई डी....  dr.anil_savera@yahoo.co.in

डा० अनिल सवेरा जी का धन्यवाद, ओर उन्हे बधाई

हिन्दी

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

यह सुंदर कविता भी हमे डा० अनिल सवेरा जी ने भेजी है, तो बच्चो सब से पहलेअनिल जी का धन्यवाद.
हिन्दी


हिन्दी हम सब की हमजोली,
यही तो अपनी प्यारी बोली.

इस से अपना सम्मान,
भारतियो की हे यही तो पहचान.


सागर सा हे इस का दिल
सब मे  जाती यह घुलमिल


प्यार भरा हे इस मै इतना,
गगन विस्तरित लगता जितना.

भाषा जिस ने यह अपनाई,
सुख शांति  समृद्धि पाई

हैप्पी बर्थ डे बप्पा

प्रस्तुतकर्ता डॉ. मोनिका शर्मा


गणपति बप्पा फिर से आये
मूषक पर होकर असवार
घर-घर में खुशियाँ ले आये
बह रही भक्ति रसधार


शिव के प्यारे गिरिजानंदन
बच्चों जैसे भोले- भाले
विघ्नविनाशन ज्ञान के दाता
भक्तों की बात कभी न टालें


प्रथम पूज्य गणेश जगवंदन
मोदक मिश्री इनको भायें
मन से ध्याओ दयावंत को
सब कारज सिद्ध हो जायें

आओ सब मिल शीश नवायें
मांगें मिलकर ये वरदान
मंगलमय हों कर्म हमारे
पायें सदगुण, निर्मल ज्ञान

गौरी नंदन गणपति बप्पा
करते हैं हम सब पर किरपा
आओ बच्चो मिलकर बोलो
हैप्पी बर्थ डे बप्पा........... हैप्पी बर्थ डे बप्पा

नया जमाना

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

यह सुंदर कविता भी हमे डा० अनिल सवेरा जी ने भेजी है.....


मुन्ना मुन्नी पुछें नानी,
क्यो नही कहती कोई कहानी.
कहां गई परियो की बातें, 
कहां गये वो राजा रानी.


नानी बोली.....
कया बतलाऊं तुमको बच्चो,
अब आ गया हे नया जमाना.
कम्पूटर ओर टी वी का अब,
हर बच्चा हो गया दिवाना.


टेंशन से मिले ना फ़ुरसत,
हम को वर्क भी मिलता ज्यादा.
बुलंदियो को बस छू ले हम,
हर बच्चे का यही इरादा.

सॊगात

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

यह सुंदर कविता हमे अनिल सवेरा जी ने इ मेल से भेजी है, उन की बहुत सी कविताये मै समय समय पर प्रकाशित करता हुं, आज की सुंदर कविता भी उन्होने भेजी है.....धन्यवाद

सॊगात


मन को  टाटोलो जालिमो,
क्या चीख सुनती है.
नन्ही सी जान गर्भ मे,
कुछ सपने बुनती है.


रोशन करुंगी जग मे,
मै अपने कुल का नाम.
दोनो घरो को बनाऊ गी मै,
इस धरा पर धाम.


करुंगी ना कभी भी,
अधिकार की मै बात
जन्म मुझो को दो मां,
बस यही हे सॊगात