माँ की गोदी कितनी प्यारी
नरम मुलायम न्यारी- न्यारी
धीमी थपकी झीना आँचल
गोदी में माँ की खुशबू हर पल
इसमें सिमटकर मैं सो जाऊं
सुंदर सपनों में खो जाऊं
सपनों में भी माँ ही आए
मुझे हमेशा यह समझाए
अच्छा बनना सच्चा बनना
तू तो सबका बच्चा बनना
अपना पराया कभी करना
भेदभाव से दूर ही रहना
सबको होगा तुम पर नाज़
तुम करोगे दिलों पे राज़।