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कॊवा ओर सयानी चिडिया

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

आओ बच्चो तुम्हे एक फ़िल्म दिखाते है, बहुत सुंदर , एक शिक्षा से भरी, यह फ़िल्म देख कर बताना कि तुम ने क्या शिक्षा ली इस फ़िल्म से, बहुत सुंदर कहानी है, तो बच्चो देखो...

अक्षत की चाल्

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

मम्मी पापा का हो गया झगडा
सोचा मैं जाऊँगा रगडा
खेल कूद नहीं पाऊँगा
साथ मे डाँट भी खाऊँगा
अब कोई जुगत लगानी होगी
दोनो की सुलह करानी होगी
नहीं तो सच ही जाऊँगा मारा
मैं छोटा सा अक्षत बेचारा
बस फिर ज़ोर से वो चिल्लाया
पेट दर्द का ढोंग रचाया
मम्मी ने पापा को आवाज़ लगाई
दोनो की तो जान पे बन आयी
दोनो ने मिल कर दवा पिलायी
अक्षत ने भी झ्ट शर्त लगायी
तभी पीऊँगा मै दवा
ागर करोगे मुझे से वादा
मुझे बाज़ार ले जाओगे
आईस्क्रीम खिलाओ गे
पीनी पडी कडवी दवाई
पर दोनो की सुलह कराई
कविता निर्मला कपिला दुवारा

बंदर की दुकान पर चले...

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो तुम्हे पता है एक बार जंगल मै एक सयाने बंदर ने एक दुकान खोली.... अरे हां यार तुम मानो या ना मानो, सची मुची, ओर हां बंदर था भी बहुत सयाना, अरे तुम तो हंस रहे हो ... यार मान भी जाओ.... अरे तो खुद ही देख लो... इस बंदर की दुकान...