नमस्कार, आईये जुडे मेरे इस ब्लांग से, आप अपनी बाल कहानियां, कविताय़ॆ,ओर अन्य समाग्री जो बच्चो से के लायक हो इस ब्लांग मे जोडॆ,आप अगर चाहे तो आप भी इस ब्लांग के मेम्बर बने ओर सीधे अपने विचार यहां रखे, मेम्बर बनने के लिये मुझे इस e mail पर मेल करे, ... rajbhatia007@gmail.com आप का सहयोग हमारे लिये बहुमुल्य है,आईये ओर मेरा हाथ बटाये.सभी इस ब्लांग से जुड सकते है, लेकिन आप की रचनाये सिर्फ़ सिर्फ़ हिन्दी मे हो, आप सब का धन्यवाद

ब्रह्म कमल -बाल कविता

प्रस्तुतकर्ता निर्मला कपिला

ब्रह्म कमल
गिरी शिखरों मे सुन्दर खिलता
हँसता रहता ब्रह्म कमल
महकाता फूलों की घाटी
मखमल सा लगता कोमल

निचला भाग बैंगनी हल्का
ऊपर भाग गुलाबी सा
मनह इसका रंग बना है
पुष्प न और जवाबी सा

नित देवों के सिर पर चढ कर
यह धरती निधि बन जाता
बिना स्नान जो तोडता
वो  अधर्म कमाता है

ये अगस्त से अक्तूबर तक
बिखराता सौन्दर्य अपार
दर्शक मन्त्रमुग्ध रह जाते
सुषमा इसकी सुबह निहार

शिव प्रतिमा पर शोभा पाता
चढता है केदार के मंदिर
ये सहस्त्रदल कमल अनूठा
पाता मन श्रद्धा और आदर
    डा़ चक्रधर नलिन

दीपावली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

diwali lamps




दीपावली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं

बापू --बाल कविता

प्रस्तुतकर्ता निर्मला कपिला

बापू
भारत की पुकार थे बापू
धरती की बहार थे बापू

जो सोचा वो करने वाले
नहीं किसी से डरने वाले
कंटक पथ पर चलने वाले
दीप शिखा से जलने वाले
कभी न राह बदलने वाले
शासक क्रूर मसलने वाले

सत्य अहिंसा हार थे बापू
पावन हृदय विचार थे बापू

भारत को चमकाने वाले
हिन्दी को अपनाने वाले
देश महान बनाने वाले
जग मे प्रेम बढाने वाले
सेवाधर्म  सिखलाने वाले
राष्ट्रपिता कहलाने वाले

सच्चे  नेक उदार थे बापू
जनता का आधार थे बापू

लेखक डा.चक्रधर नलिन