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मम्मी ने थी खीर बनाई

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

यह बाल कविता हमे अनिल सवेरा जी ने भेजी है, आप के पास भी कोई सुंदर सी बाल कविता तो तो हमे भेजे, कोई चित्र, या कुछ भी जो बच्चो से समबंधित हो हमे भेजे, हम उसे यहां प्रकाशित करेगे.


मम्मी जी ने थी खीर बनाई,
मुन्ना  ने जी भर कर खाई.


मुन्नी को दी बिलकुल थोडी,
निकली है उस मै भी रोडी.

मुन्नी लगी जोर से रोने,
मां को दिये ना कपडे धोने.

दी मां ने फ़िर भर कटोरी,
लगी मटकने पोरी पोरी