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मम्मी ने थी खीर बनाई

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

यह बाल कविता हमे अनिल सवेरा जी ने भेजी है, आप के पास भी कोई सुंदर सी बाल कविता तो तो हमे भेजे, कोई चित्र, या कुछ भी जो बच्चो से समबंधित हो हमे भेजे, हम उसे यहां प्रकाशित करेगे.


मम्मी जी ने थी खीर बनाई,
मुन्ना  ने जी भर कर खाई.


मुन्नी को दी बिलकुल थोडी,
निकली है उस मै भी रोडी.

मुन्नी लगी जोर से रोने,
मां को दिये ना कपडे धोने.

दी मां ने फ़िर भर कटोरी,
लगी मटकने पोरी पोरी

16 आप की राय:

Udan Tashtari said...

बढ़िया कविता.

संगीता पुरी said...

वाह .. सुंदर रचना !!

रंजन (Ranjan) said...

mast..

माधव( Madhav) said...

भाटिया अंकल बहुत दिन के बाद आपने इस ब्लॉग पर कुछ पोस्ट किया है , हम रोज इन्तेजार करते थे , आज इन्तेजार खत्म हुआ

Shabad shabad said...

बहुत ही सुंदर....

वाह....क्या बात है आप की....

Akshitaa (Pakhi) said...

स्वादिष्ट है यह खीर..यमी-यमी..सुन्दर बाल-कविता.
___________________________
'पाखी की दुनिया' में स्कूल आज से खुल गए...आप भी देखिये मेरा पहला दिन.

KK Yadav said...

बहुत प्यारी बाल कविता..बधाई.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर पोस्ट!
--
आपकी चर्चा तो यहाँ भी है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/07/203.html

अनामिका की सदायें ...... said...

बहुत सुंदर कविता.में जल्द ही कोई कविता भेजूंगी.

दीनदयाल शर्मा said...

बहुत ही सुन्दर ब्लॉग..और सुन्दर रचना..बधाई..

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

बेहतरीन बाल-कविता...बधाई.

_________________________
अब ''बाल-दुनिया'' पर भी बच्चों की बातें, बच्चों के बनाये चित्र और रचनाएँ, उनके ब्लॉगों की बातें , बाल-मन को सहेजती बड़ों की रचनाएँ और भी बहुत कुछ....आपकी भी रचनाओं का स्वागत है.

पूनम श्रीवास्तव said...

aapka ye blog bahut bahut achha laga. main bhi kuchh rachnaye bhejana chahti hun par pata naahi kyon aapka ye blog khulta hi nahi .shayad mujhse hi kuchh galti ho rahi hogi kripya mujhebataane ka kast karen.dhanyvaad sahit-----
poonam

Shabad shabad said...

वाह .. वाह ..
वाह ..
बहुत ही सुन्दर रचना..
प्यारी बाल कविता
बधाई..

Satish Saxena said...

आपका यह नन्हों के लिए किया गया कार्य मुझे बहुत अच्छा लगता है भाई जी ! ऐसे बहुत कम लोग हैं जो इनका ध्यान भी रखते हों !हार्दिक शुभकामनायें !

रचना दीक्षित said...

बहुत प्यारी बाल कविता..बधाई.

rachanaravindra.blogspot.com

sunil patel said...

First time seen a beautiful poem for children on net. Presentation and picturisation is very nice.Thanks.

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