माँ की गोदी कितनी प्यारी
नरम मुलायम न्यारी- न्यारी
धीमी थपकी झीना आँचल
गोदी में माँ की खुशबू हर पल
इसमें सिमटकर मैं सो जाऊं
सुंदर सपनों में खो जाऊं
सपनों में भी माँ ही आए
मुझे हमेशा यह समझाए
अच्छा बनना सच्चा बनना
तू तो सबका बच्चा बनना
अपना पराया कभी करना
भेदभाव से दूर ही रहना
सबको होगा तुम पर नाज़
तुम करोगे दिलों पे राज़।
12 आप की राय:
बहुत सुन्दर !
बहुत ही खूबसूरत ।
बहुत प्यारी सी कविता ..माँ के आँचल जैसी ..
बहुत प्यारी सी कविता ..माँ के आँचल जैसी ............
बहुत सुंदर.
रामराम.
मोनिका जी, बहुत सुंदर कविता कही आप ने, सच मै स्वर्ग से भी बढ कर होती है मां की गोद. धन्यवाद
सुन्दर बाल गीत.
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सचमुच बहुत सुंदर है : माँ की यह गोदी!
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मेरे मा के जैसी
माँ की गोदी कितनी प्यारी
नरम मुलायम न्यारी- न्यारी
...मुझे तो ममा की गोद में सोना बड़ा अच्छा लगता है...सुन्दर गीत..बधाई.
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'पाखी की दुनिया' में अब सी-प्लेन में घूमने की तैयारी...
ऐसी प्यारी टिप्पणियों के लिए
आप सबका आभार
राज जी,
ऐसे बहुत सी चीजे है जिनका विज्ञानं आजतक जवाब नहीं ढूंड पाया है, इसलिए आप शायद सहमत न हो लेकिन यदि आप चाहे तो मेंरे कुछ सवालो के जवाब आप दे दीजिये विज्ञानं की द्रष्टि से .... आपके जवाब का इंतजार रहेगा
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नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये