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नया जमाना

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

यह सुंदर कविता भी हमे डा० अनिल सवेरा जी ने भेजी है.....


मुन्ना मुन्नी पुछें नानी,
क्यो नही कहती कोई कहानी.
कहां गई परियो की बातें, 
कहां गये वो राजा रानी.


नानी बोली.....
कया बतलाऊं तुमको बच्चो,
अब आ गया हे नया जमाना.
कम्पूटर ओर टी वी का अब,
हर बच्चा हो गया दिवाना.


टेंशन से मिले ना फ़ुरसत,
हम को वर्क भी मिलता ज्यादा.
बुलंदियो को बस छू ले हम,
हर बच्चे का यही इरादा.

6 आप की राय:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बढ़िया बाल कविता!
--
हमें भी लगता है कि नया जमाना आ गया है!

shikha varshney said...

जमाना तो नया आ गया पर नानी की कहानी अब भी सुनना चाहते हैं बच्चे ..ये बात ओर है कि नानी भी अब कहानियां भूल चुकी होती हैं हा हा हा ...
सुन्दर गीत.

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत ही सुंदर कविता....
ज़माना वाकई बदल गया है....
तभी तो......

" टेंशन से मिले ना फ़ुरसत,
हम को वर्क भी मिलता ज्यादा.
बुलंदियो को बस छू ले हम,
हर बच्चे का यही इरादा "

माधव( Madhav) said...

बहुत ही सुंदर कविता

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर कविता, शुभकामनाएं.

रामराम.

Aruna Kapoor said...

bahut sundar kavita!...bachchon ke liye ati manoranjak rachna!

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