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कहती है पुस्तके सब से,
सुनो हमारी बात.
हम सब सच्ची मित्र तुम्हारी,
मंजिल पर पहुचाती सब को,
कभी नही भटकाटी.
मित्रो बना जो है हम सब का,
उस को राह दिखाती
इसी लिये हम कहती सब को, पुस्तको का चित्र गुगल से लिया है
बनो मित्र हमारे. किसी के ऎतराज पर हटा दिया जायेगा
सचमुच सारी दुनिया को तुम,
लगोगे सब से प्यारे
4 आप की राय:
good poem on books. net ke jamane ne humko books se door to ker hi diya hai. khyati modi. bikaner class.7.
बहुत सुंदर कविता.
रामराम.
HI ANIL JI ME DARSHAN 'BAHUT SUNDAR KAVITA' NICE
pyari hai yah kavita.
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