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ऒस की बूंदे

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

यह सुंदर बाल कविता भी हमे डां अनिल सवेरा जी ने भेजी है, अगर आप भी कोई बाल कविता हमे भेजना चाहे तो भेजियेगां, हम उसे जरुर यहां प्रकाशित करेगे, डां अनिल जी का धन्यवाद.

                                                   ऒस की बूंदे

नन्ही मुन्नी ऒस की बूंदे
करती है मन को शीतल

लगता है मानो ऎसा
हमे पुकारे यह प्रति पल

स्पर्श सुर्य की किरणो का
कर देता इन को उज्जवल

1 आप की राय:

jamos jhalla said...

वाकईमन को पुलकित करता
है नन्हे मुन्नों का दर्शन

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