यह सुंदर बाल कविता भी हमे डां अनिल सवेरा जी ने भेजी है, अगर आप भी कोई बाल कविता हमे भेजना चाहे तो भेजियेगां, हम उसे जरुर यहां प्रकाशित करेगे, डां अनिल जी का धन्यवाद.
ऒस की बूंदे
नन्ही मुन्नी ऒस की बूंदे
करती है मन को शीतल
लगता है मानो ऎसा
हमे पुकारे यह प्रति पल
स्पर्श सुर्य की किरणो का
कर देता इन को उज्जवल
1 आप की राय:
वाकईमन को पुलकित करता
है नन्हे मुन्नों का दर्शन
Post a Comment
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये