यह सुंदर बाल कविता भी डां अनिल सवेरा जी की सुंदर क्लम से लिखी गई है, ओर मेल से हमे मिली. ओर आप के सामने पेश है....
टै टै कर के देखो तोता,
करता कितना शोर.
ठुमक ठुमक नाच दिखाता,
अच्छा लगता मोर.
तोता कहता खाऊंगा मै
दो मिठ्ठे अमरुद
मोर कहे दाना खाऊंगा
नही पियूंगा दुध.
3 आप की राय:
दूध पीले मोरेया ,माड़ों बिल्ली आईया
वाह बहुत्त सुंदर बाल गीत.
रामराम.
बहुत बढि़या.....
बड़ी होकर मैं भी कविताएं लिखूंगी
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