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chchanda mama

प्रस्तुतकर्ता निर्मला कपिला

चन्दा मामा
चन्दा मामा हाथ उठा कर,
भईया जी हैं नित्य बुलाते।
सोते नहीं देखते एक टक ,
कब से इन को खडे सुलाते

आसमान से नाता तोडो,
अपने को धरती से जोडो।
मुस्काते हैं गोद उठाओ,
इन से कभी नहीं मुख मोडो।

इन के संग घोड्र पर बैठो,
इन के संग हाथी पर बैठो।
दूध मलाई जी भर खाऔ,
भईया के घर चन्दा आओ।
लेखक --डा. चक्रधर नलिन जी

7 आप की राय:

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर गीत.

रामराम.

राज भाटिय़ा said...

यह सुंदर गित बचपन की याद दिला रहा है.
धन्यवाद

Arshia Ali said...

Sundar kavita.
( Treasurer-S. T. )

Murari Pareek said...

अगर पुनर्जन्म होता है तो बहुत ख़ुशी की बात है की कभी फिर से बच्चे बनेंगे और ये गीत गुनगुनायेंगे |

sunil patel said...

First time a beautiful blog i have seen. Very nicely decorated and of course for children. If permitted, I want to teach my daughter studying in 1st standard.

चाहत said...

बच्चपन याद आ गइ
धन्यवाद

जयंत श्रीवास्तव said...

Ati sundar blog hai .......badhai.kisi ne to bachchon ki chinta ki ...hardik shubhkamnayen...

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