प्रस्तुतकर्ता
डॉ. मोनिका शर्मा

आओ आओ सारे मिलकर
होली की तैयारी कर लें
सतरंगी रंगों को घोलें
पिचकारी में उनको भर लें।
ऊंच नीच का भाव छोड़कर
सबको रंग देने की ठानें
लाख मनाये कोई हमको
पर हम रंग लगाके मानें
चारो ओर हैं खुशियाँ छाई
आने वाली है अब होली
धूम धड़ाका करने को है
हम सारे बच्चों की टोली
10 आप की राय:
Very sweet poem !
ऊंच नीच का भाव छोड़कर
सबको रंग देने की ठानें
लाख मनाये कोई हमको
पर हम रंग लगाके मानें
उत्तम बात कही !
बहुत ही सुन्दर
बहुत सुन्दर...सार्थक सन्देश
waah ise padh kar to dil hua ek baar fir se me bhi baccha ban jaun.
bahut sunder kavita.
बहुत सुंदर रंगो मे रंगी आप की यह रचना, धन्यवाद
बहुत सुंदर रंगो मे रंगी आप की यह रचना|
होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
bahut hi pyari post .sach me bachcho ki toli gar na ho to holi me maja kaise aaye.
holi ke rang se bhrpur sandeash deti bahut hi achhi lagi aapki yah bal0kavita.
badhai
poonam
बहुत सुन्दर
होली के विषय पर बहुत ही सुंदर कविता
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