डा० अनिल सवेरा जी दुवारा भेजी एक सुंदर रचना...
चिट्ठी आई, चिट्ठी आई,
जाने किस की चिट्ठी आई
जल्दी जल्दी पढॊ तो इस को,
किस का यह संदेश हे लाई.
यह चिट्ठी है पर्यावरण की,
पुछे दुषित क्यो करते मुझे
वृक्ष विहिन ना करो धरा को,
क्या तुम मोत से भी नही डरते.
सुखी यदि रहना है तुम को,
प्रदुषण ना करो तुम
स्वस्थ रहोगे, रोग मुक्त हो
पर्यावरण जब होगा प्यारा
6 आप की राय:
सही सन्देश देती कविता
sunder sandesh nanhe munno ki bhaasha me aur bhi acchha laga.
bahut hi badiya..
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Lyrics Mantra
यह चिट्ठी तो बहुत प्यारी है...
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'पाखी की दुनिया' में तन्वी अब दो माह की...
Bahut sundar aur pyara bal geet.....Anil ji ko badhai...
नन्हे मुन्ने अच्छा लगा, नन्हे मुन्नों से मिलकर तो और भी अच्छा ..जल्दी ही नन्हे मुन्नों के लिए सौगात लक्सर उपस्थित हौगा चाकलेट नहीं पोयम.
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