यह सुंदर कविता हमे अनिल सवेरा जी ने इ मेल से भेजी है, उन की बहुत सी कविताये मै समय समय पर प्रकाशित करता हुं, आज की सुंदर कविता भी उन्होने भेजी है.....धन्यवाद
सॊगात
मन को टाटोलो जालिमो,
क्या चीख सुनती है.
नन्ही सी जान गर्भ मे,
कुछ सपने बुनती है.
रोशन करुंगी जग मे,
मै अपने कुल का नाम.
दोनो घरो को बनाऊ गी मै,
इस धरा पर धाम.
करुंगी ना कभी भी,
अधिकार की मै बात
जन्म मुझो को दो मां,
बस यही हे सॊगात
14 आप की राय:
BAHUT BADHIYAA BAAT KAHEE ANIL JI NE KAVITA KE MARFAT
बहुत सार्थक, जन्माष्टमी की घणी रामराम.
रामराम.
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बहुत बढ़िया सौगात!
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bahut hi sunder aur marmik rachana.......
सही फ़रमाया ।
अजन्मी बच्चियों का भी अधिकार होता है ।
बहुत भावपूर्ण कविता...अच्छी लगी.
श्री कृष्ण-जन्माष्टमी पर ढेर सारी बधाइयाँ !!
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'पाखी की दुनिया' में आज आज माख्नन चोर श्री कृष्ण आयेंगें...
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बधाई और शुभकामनाएँ!
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बाल चर्चा मंच पर भी आपकी चर्चा है!
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http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/09/14.html
बहुत अच्छा
काश ये बात उन लोगों तक भी पहुंचें जो ऐसे घृणित काम को अंजाम देते हैं..
बहुत अच्छा कहा सवेरा जी
sundar bal kavita badhai
इस पोस्ट की चर्चा यहाँ है -
कान्हा मेरे मन का मीत : सरस चर्चा (12)
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