नमस्कार, आईये जुडे मेरे इस ब्लांग से, आप अपनी बाल कहानियां, कविताय़ॆ,ओर अन्य समाग्री जो बच्चो से के लायक हो इस ब्लांग मे जोडॆ,आप अगर चाहे तो आप भी इस ब्लांग के मेम्बर बने ओर सीधे अपने विचार यहां रखे, मेम्बर बनने के लिये मुझे इस e mail पर मेल करे, ... rajbhatia007@gmail.com आप का सहयोग हमारे लिये बहुमुल्य है,आईये ओर मेरा हाथ बटाये.सभी इस ब्लांग से जुड सकते है, लेकिन आप की रचनाये सिर्फ़ सिर्फ़ हिन्दी मे हो, आप सब का धन्यवाद

गमला

प्रस्तुतकर्ता निर्मला कपिला

गमला

यग्य कुण्डसा पवित्र गमला
हरा भरा मन भावन गमला

प्रकृति नये रूपों मे लाता
सुन्दरता पौरुश का दाता्
रंग विरंगे फूल खिलाता
शुद्ध वायू से घर भर देता
माता सा उदार है गमला

इसमे सुन्दर पौधे लगते
सुबह शाम को खूब महकते
पाकर धूप लहलहा उठते
जगमग जगमग हर पल होते
सब का चित चुराता गमला

तितली इस पर है मंडराती
हवा इसे नव गीत सुनाती
सभी रोग दुख दूर भगाती
जीवन कैसे जीयें सिखाता
रहा थकान मिटाता गमला

यग्यकुण्ड सा पवित्र गमला
हरा भरा मन भावन गमला

लेखक --डा. चक्रधर नलिन

3 आप की राय:

ताऊ रामपुरिया said...

प्रयावरण पर बहुत सुंदर उदगार.

रामराम.

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुंदर कविता. धन्यवाद

ॐĢĂÛŔΔ٧ॐ said...

bahut umda aap ka lagatar prayas aur pyar mujhe bhi protsahit karta hai.......

Post a Comment

नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये