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यात्री ओर रीछ

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

आज तुम्हे एक दोस्ती की कहानी सुनाता हु, सुन कर जरुर बताना केसी लगी, कहानी का नाम हे *यात्री ओर रीछ* बच्चो पता हे रीछ कया होता हे, ओर यात्री कया होता हे, अरे मामी से पुछो ना, फ़िर मुझे बताना कहानी केसी लगी, तुम्हारे जबाब की इन्त्जार मे..... तो सुनो कहानी *यात्री ओर रीछ*

3 आप की राय:

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत बढिया कहानी ! धन्यवाद !

makrand said...

bahut sunder,mene mere putra ko bi sunai
regards

betuki@bloger.com said...

बचपन में पढ़ी थी यह कहानी, शायद मन के किसी कोने में याद थी पर यहां देखकर और सुनकर बहुत ही अच्छा लगा। राज जी, आपका ब्लाग प्रेरणा का स्रोत है और इसे तो बच्चों को दिखाना ही चाहिए। कम से कम, सरकारों को यह सीख लेनी चाहिए कि टी.वी. पर भी इस तरह के प्रेरणाप्रद कार्यक्रम चल सकते हैं। आप लिखते रहें और हम अपने बच्चों को दिखाते रहें। मेरा बच्चा अभी बहुत छोटा है इसलिये वह सिर्फ देख सकता है।

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