नमस्कार, आईये जुडे मेरे इस ब्लांग से, आप अपनी बाल कहानियां, कविताय़ॆ,ओर अन्य समाग्री जो बच्चो से के लायक हो इस ब्लांग मे जोडॆ,आप अगर चाहे तो आप भी इस ब्लांग के मेम्बर बने ओर सीधे अपने विचार यहां रखे, मेम्बर बनने के लिये मुझे इस e mail पर मेल करे, ... rajbhatia007@gmail.com आप का सहयोग हमारे लिये बहुमुल्य है,आईये ओर मेरा हाथ बटाये.सभी इस ब्लांग से जुड सकते है, लेकिन आप की रचनाये सिर्फ़ सिर्फ़ हिन्दी मे हो, आप सब का धन्यवाद

सोने का अंडा

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो नमस्कार, क्या हाल हे आज आप सब का, आओ आज तुम्हे एक ओर सुन्दर कहानी सुनाये, कहानी का नाम हे सोने का अंडा.... कहानी सुन कर बताना केसी लगी यह कहानी, ओर अपनी राय जरुर देना.....तो सुनो कहानी

10 आप की राय:

Dr Prabhat Tandon said...

मजेदार और शिक्षाप्रद !

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत शिक्षाप्रद ! शुभकामनाएं!

पवन मिश्रा said...

क्या बात है बच्चों की कहानी बड़े पढ़ रहे हैं. :)
डाक्टर साहेब, ताऊ जी और अब ई-गुरु .

भाटिया जी, आप कहानी कब से लिखने लगे, जो भी हो मज़ा आ गया. सच्ची. :)

betuki@bloger.com said...

पहली बार आपके ब्लाग पर आया। बहुत खूब। इतनी खूबसूरती और इतनी सादगी। बच्चों के लिये बाकई यह ब्लाग शिक्षाप्रद है।

betuki@bloger.com said...

भाटिया जी, धन्यवाद। ताजगंज में हमने बहुत रिर्पोटिंग की है। वहां सैकड़ों लोगों से परिचय भी है। ताजगंज के रहने वाले ही श्री सुदेश अरोरा जी है जो अब कमला नगर में रहते हैं। इसके अलावा तमाम लोगों से परिचय है वहां।

राज भाटिय़ा said...

भईया मे तो बहुत ही छोटा था, करीब८,९ साल का, मे वहा किसी को नही जानता, हां ताज गंज मे एक बेद्ध राम कुमार,या फ़िर कुवांर थे, उन्ही के पास हमारा घर था,राम किशन टुण्डला वालो का, ओर उन के भाई का नाम था राधे श्याम, इन्हे देख कभी नही वेसे हम १९९४ मे एक बार घुमने गये थे तो इस मुह्हले मे भी गया था,यह सब बाते १९६५ से पहले की हे
धन्यवाद

रश्मि प्रभा... said...

एक और प्यारी शुरुआत.........मैंने भी बच्चों की खातिर अलग से बनाया है

पवन मिश्रा said...

भाटिया जी आप के इस ब्लॉग को बढावा देने के लिए मैंने एक लेख लिखा है जिसका पता है http://blogspundit.blogspot.com/2008/09/how-to-choose-subject-or-topic-of-blog.html
आप पढिये और बताइये कि ठीक लिखा है या कुछ और घटा बढ़ा दूँ.

شہروز said...

अंतरजाल के संसार में हार्दिक अभिनन्दन.
आपकी रचनात्मक मेघा सराहनीय है.
हमारी शुभ कामनाएं.
कभी समय मिले तो इस तरफ भी आयें, और हमारी मुर्खता पर हंसें.
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/ http://saajha-sarokaar.blogspot.com/

aur ik bat aur bhaatiya sahab hindi un sabki bhasha hai jo ise seekhna chahen.

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत बढिया
समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें

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