मैं नहीं माखन खायो मैय्या मोरी, मैं नहीं माखन खायो ।
भोर भयो गऊवन के पीछे, मधुवन मोहि पठायोरी ।
चार पहर बंशीबन भट्क्यो, साँझ पडी घर आयोरी ॥
मैं माखन......................................
मै बालक बैयन को छोटो,छिको किस विध पायोरी ।
ग्वाल बाल सब गैला पडे हैं, बरबस मुख लिपटायोरी ॥
मैं माखन.............................................................
इतनी सुनके हंसी यशोदा, ले उर कंठ लगायोरी ।
सुर श्याम शरणागत तेरी, चरण कमल चित ल्यायोरी ॥
मैं माखन.............................................
1 आप की राय:
aaj subhe subhe bhajan sunkar man shant ho gaya
nav varsh ki hardik subhkamanye
aane wala saal nahi umeed naye sapne aur nayi khusiyan laaye prathna hai
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