नमस्कार, आईये जुडे मेरे इस ब्लांग से, आप अपनी बाल कहानियां, कविताय़ॆ,ओर अन्य समाग्री जो बच्चो से के लायक हो इस ब्लांग मे जोडॆ,आप अगर चाहे तो आप भी इस ब्लांग के मेम्बर बने ओर सीधे अपने विचार यहां रखे, मेम्बर बनने के लिये मुझे इस e mail पर मेल करे, ... rajbhatia007@gmail.com आप का सहयोग हमारे लिये बहुमुल्य है,आईये ओर मेरा हाथ बटाये.सभी इस ब्लांग से जुड सकते है, लेकिन आप की रचनाये सिर्फ़ सिर्फ़ हिन्दी मे हो, आप सब का धन्यवाद

मैं नहीं माखन खायो

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

मैं नहीं माखन खायो मैय्या मोरी, मैं नहीं माखन खायो ।
भोर भयो गऊवन के पीछे, मधुवन मोहि पठायोरी ।
चार पहर बंशीबन भट्क्यो, साँझ पडी घर आयोरी ॥

मैं माखन......................................
मै बालक बैयन को छोटो,छिको किस विध पायोरी ।
ग्वाल बाल सब गैला पडे हैं, बरबस मुख लिपटायोरी ॥

मैं माखन.............................................................
इतनी सुनके हंसी यशोदा, ले उर कंठ लगायोरी ।
सुर श्याम शरणागत तेरी, चरण कमल चित ल्यायोरी ॥

मैं माखन.............................................

1 आप की राय:

श्रद्धा जैन said...

aaj subhe subhe bhajan sunkar man shant ho gaya

nav varsh ki hardik subhkamanye
aane wala saal nahi umeed naye sapne aur nayi khusiyan laaye prathna hai

Post a Comment

नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये