केसे हो बच्चो तुम सब, अरे अरे अब तो छुट्टियां चल रही होगी ना; तो खुब मजा ले रहे होंगे ना, दादा दादी तो बहुत खुश होंगे, लेकिन ममा ओर पापा की नाक मे दम कर रखा होगा, सची न..... चलो आज हम तुम्हे नये साल पर एक बहुत सुंदर कविता उपहार मे पढा रहे हे..... अरे सुनो सुनो... पहले पढो तो सही फ़िर देखना कितना मजा आयेगा, लेकिन यह कविता मैने थोडे लिखी हे, अब जिन अंकल ने लिखी हे पहले उन से मिल लो ना,.....
यह प्यारी सी कविता हमे डॉ. नागेश पांडेय "संजय" अकंल( आप सब के अंकल) ने इ मेल से स्पेशल आप सब के लिये भेजी हे, अरे अब इन का चित्र भी साथ मे लगा रहा हुं खुद ही मिल से, जेसे इन की प्यारी प्यारी कविता हे ना वेसे ही यह भी प्यारे प्यारे लगते हे, तो यह रहा इन का चित्र, ओर उस के नीचे इन का सुंदर शिशु गीत.
हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
13 hours ago
9 आप की राय:
संजय जी की ये बाल कविता बहुत ही अच्छी है ..नव वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं ...
नववर्ष 2011 आपको और आपके पूरे परिवार को मंगलमय हो!
नववर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं । सादर - आशुतोष मिश्र
नववर्ष 2011 आपको और आपके पूरे परिवार को मंगलमय हो!
सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े .
नव - वर्ष २०११ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
घुमक्कड़ पुल्लू सहित सभी साथियों को नववर्ष की शुभकामनाएं!!
नए साल की पहली पोस्ट.प्यारी रचना....अच्छी लगी.
नव वर्ष पर आपको ढेर सारी बधाइयाँ.
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'पाखी की दुनिया' में नए साल का पहला दिन.
aap bahut aacha kaam kar rahe hain. main to soch raha tha ki hindi kahin luptpray bhasha na ban jay.
Bahut hi badhiya...
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