हे माँ अम्बे जय जगदम्बे
हमको दीजे ये वरदान
हमको दीजे ये वरदान
कभी ना खंडित होने दें
हम मातृभूमि का मान
वरद हस्त सिर पर रख माता
दिव्य चेतना भर दो मन में
समरसता की शुभ ज्योति को
फैलायेंगें हम कण -कण में
भारत माँ के सारे बच्चे
सिंह रूप हम धर लेंगें
दिव्य धरा का मान बचाने
हर बाधा से लड़ लेंगें
विंध्य, हिमाचल, अरावली का
ना झुकने दें माथा
देव भूमि है धरा हमारी
गायें सब मिल गाथा
पौरुषता का तेज भरो माँ
हम भगत, सुभाष बनें
जग-सिरमौर बने फिर भारत
माँ भारती का विश्वास बनें
वरद हस्त सिर पर रख माता
दिव्य चेतना भर दो मन में
समरसता की शुभ ज्योति को
फैलायेंगें हम कण -कण में
भारत माँ के सारे बच्चे
सिंह रूप हम धर लेंगें
दिव्य धरा का मान बचाने
हर बाधा से लड़ लेंगें
विंध्य, हिमाचल, अरावली का
ना झुकने दें माथा
देव भूमि है धरा हमारी
गायें सब मिल गाथा
पौरुषता का तेज भरो माँ
हम भगत, सुभाष बनें
जग-सिरमौर बने फिर भारत
माँ भारती का विश्वास बनें
चैतन्य का कोना ब्लॉग पर विजय माथुर जी टिप्पणी के शब्द इस रचना के लिए प्रेरणा बने..... उनकी ह्रदय से आभारी हूँ....
8 आप की राय:
जय माता दी
पौरुषता का तेज भरो माँ
हम भगत, सुभाष बनें
जग-सिरमौर बने फिर भारत
माँ भारती का विश्वास बनें
...कित्ता प्यारा गीत.
नवरात्र और दशहरा...धूमधाम वाले दिन आए...बधाई !!
बहुत प्यारा गीत .वाकई आप अच्छा लिखते है .
दुर्गाष्टमी एवं दशहरा की बधाई .
बहुत सुन्दर जोशीला गीत .....जय माता दी
दुर्गाष्टमी एवं दशहरा की बधाई
नन्ही ब्लॉगर
अनुष्का
nice song
माननीय राज जी ,
आपके 'नन्हे मुन्ने' में "लहराता हुआ तिरंगा और इठलाता हुआ बालक " बड़ा अच्छा लगता है .
सुंदर मन भावन रचना.
वाह जी आप ने तो मां की आरती दे रखी हे ओर मैने ध्यान ही नही दिया, बहुत सुंदर लगा मां की आरती पढ कर, धन्यवाद
Post a Comment
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये