डा० अनिल सवेरा जी की एक अति सुंदर रचना.....
चित्र लिया गया हे ... mankapakhi.blogspot.com अगर किसी को ऎतराज होगा तो हटा लिया जायेगा,
बेटी भी है मुझ को प्यारी
बेटे जितनी ही,
मै बताऊ बातें तुमको
छम छम छम छम नाचे जब वो
रॊनक लगती हे,
मोहनी उस की सुरत
सब के मन को लगती हे.
सब कामो मे सब से आगे
वही तो रहती हे
नाम करुंगी रोशन जग मे
सब से कहती हेचित्र लिया गया हे ... mankapakhi.blogspot.com अगर किसी को ऎतराज होगा तो हटा लिया जायेगा,
15 आप की राय:
बहुत सुंदर ... हृदयस्पर्शी कविता ....
बहुत सुंदर कविता.
प्यारी कविता ....
बहुत सुंदर कविता.
वात्सल्य रस में पगी बहुत ही मीठी सी रचना ! अति सुन्दर ! बधाई !
बेटी भी है मुझ को प्यारी
बेटे जितनी ही,
मै बताऊ बातें तुमको
उस की कितनी हे.....
बेहतरीन भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।
बहुत सुन्दर व भावमयी रचना।
आज कल बेटियाँ ही नाम रोशन कर रही हैं ...अच्छी प्रस्तुति
बहुत सुन्दर कविता..सही तो यह है की बेटी बेटे से भी ज्यादा प्यारी होती है..
http://bachhonkakona.blogspot.com/
वाह दिल में उतार गयी ये रचना ... सच है बेटी किसी से कम नही ...
.
बोल-बोलकर पूरा गाया.
स्वाद जीभ ने पूरा पाया.
अपने कानों साथ दूसरे
कानों में आनंद समाया.
.
लाजवाब, सुन्दर लेखनी को आभार...
खुबसूरत भावों को प्रदर्शित करती रचना !
बेहतरीन भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ|
सुन्दर कविता, मन को भा गयी।
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