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भजन ओर भजन

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

प्रेम मुदित मन से कहो राम राम राम

प्रेम मुदित मन से कहो, राम, राम, राम .
राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..

पाप कटें, दुःख मिटें, लेत राम नाम .
भव समुद्र, सुखद नाव, एक राम नाम ..

प्रेम मुदित मन से कहो, राम, राम, राम .
राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..


परम शांति, सुख निधान, नित्य राम नाम .
निराधार को आधार, एक राम नाम ..

प्रेम मुदित मन से कहो, राम, राम, राम .
राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..

संत हृदय सदा बसत, एक राम नाम .
परम गोप्य, परम इष्ट, मंत्र राम नाम ..

प्रेम मुदित मन से कहो, राम, राम, राम .
राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..

महादेव सतत जपत, दिव्य राम नाम .
राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..

प्रेम मुदित मन से कहो, राम, राम, राम .
राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..

मात पिता, बंधु सखा, सब ही राम नाम .
भक्त जनन, जीवन धन, एक राम नाम ..

प्रेम मुदित मन से कहो, राम, राम, राम .
राम, राम, राम, श्री राम, राम, राम ..

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हारिये न हिम्मत, बिसारिये न राम

हारिये हिम्मत, बिसारिये राम .
तू क्यों सोचे बंदे, सब की सोचे राम ..

दीपक ले के हाथ में, सतगुरु राह दिखाये .
पर मन मूरख बावरा, आप अँधेरे जाए ..

हारिये हिम्मत, बिसारिये राम .
तू क्यों सोचे बंदे, सब की सोचे राम ..


पाप पुण्य और भले बुरे की, वो ही करता तोल .
ये सौदे नहीं जगत हाट के, तू क्या जाने मोल ..

हारिये हिम्मत, बिसारिये राम .
तू क्यों सोचे बंदे, सब की सोचे राम ..


जैसा जिस का काम, पाता वैसे दाम .
हारिये हिम्मत, बिसारिये राम .
तू क्यों सोचे बंदे, सब की सोचे राम ..
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श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण


श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ,
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुखकर कञ्जपद कञ्जारुणम् ........1


कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् ,
पटपीत मानहुं तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरम् ........2

भजु दीन बन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकन्दनम् ,
रघुनन्द आनंदकंद कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् .............3

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणम् ,
आजानुभुज सर चापधर सङ्ग्राम जित खरदूषणम् .............4


इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् ,
मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् .............5

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भज मन राम


भज मन राम चरण सुखदाई .....1
जिन चरनन से निकलीं सुर सरि, शंकर जटा समायी .
जटा शन्करी नाम पड़्यो है, त्रिभुवन तारन आयी ..

भज मन राम चरण सुखदाई ..2

शिव सनकादिक अरु ब्रह्मादिक, शेष सहस मुख गायी .
तुलसीदास मारुतसुत की प्रभु, निज मुख करत बड़ाई ..

भज मन राम चरण सुखदाई ..

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ठुमक चलत रामचंद्र


ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां ..
किलकि किलकि उठत धाय,
गिरत भूमि लटपटाय .
धाय मात गोद लेत,
दशरथ की रनियां .




ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां ..
अंचल रज अंग झारि,
विविध भांति सो दुलारि .
तन मन धन वारि वारि,
कहत मृदु बचनियां .




ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां ..
विद्रुम से अरुण अधर,
बोलत मुख मधुर मधुर .
सुभग नासिका में चारु,
लटकत लटकनियां .




ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां ..
तुलसीदास अति आनंद,
देख के मुखारविंद .
रघुवर छबि के समान
रघुवर छबि बनियां ..


ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां ..

12 आप की राय:

Jimmy said...

nice work


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ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर और शांतिदायी भजन ! बहुत शुभ कामनाएं !

Aruna Kapoor said...

Ishwar upasana ko lakshya mein rakh kar ki gai bhajan ki rachana shantiprad hai!.... dhanyawad!

jamos jhalla said...

Aryans ki bhoomi Germany main bhi Aapne Aarya putr shri Ram ke bhajan sunaa kar ,dikhaa kar kartaarth kar diyaa .Sadhuvaad.

सचिन मिश्रा said...

Bahut badiya

shelley said...

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् ,
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुखकर कञ्जपद कञ्जारुणम् ........1

yah bhajan mujhe bahut pasand hai. ek sath itne achchhe bhajan k liye dhanywad. bahut dino k baad raam ka naa lene wala koi mila.

Girish Kumar Billore said...

शुभ कामनाएं स्वीकारिए

Unknown said...

अति सुंदर और मधुर, धन्यवाद.

Manuj Mehta said...

वाह बहुत खूब लिखा है आपने. bhajan padh kar maan taro taza ho gaya.

नमस्कार, उम्मीद है की आप स्वस्थ एवं कुशल होंगे.
मैं कुछ दिनों के लिए गोवा गया हुआ था, इसलिए कुछ समय के लिए ब्लाग जगत से कट गया था. आब नियामत रूप से आता रहूँगा.

Poonam Agrawal said...

Ati sunder...

परमजीत सिहँ बाली said...

bahut sundar bhajan preshit kie hai.abhaar.

Sumit Pratap Singh said...

सादर ब्लॉगस्ते,



आपका यह संदेश अच्छा लगा। क्या आप भी मानते हैं कि पप्पू वास्तव में पास हो जगाया है। 'सुमित के तडके (गद्य)' पर पधारें और 'एक पत्र पप्पू के नाम' को पढ़कर अपने विचार प्रकट करें।

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