शिशुगीत : डा. नागेश पांडेय 'संजय'
मेरे नाम अनेक , दोस्तों ,
मैं छोटा सा भोलू .
कोई मुझसे सोनू कहता ,
कोई कहता गोलू .
दादा जी कहते हैं टिंकू ,
दादी कहती कालू .
मम्मी मुझसे लल्ला कहतीं,
पापा कहते लालू .
मेरे घर जब आता कोई,
कहता -नाम बताओ ?
चुप रह जाता , सर चकराता
क्या बोलूँ ? बतलाओ ?
11 आप की राय:
बहुत ही सुंदर सी कविता ...मेरे भी घर में कई नाम हैं....
वाह जी बहुत अच्छी लगी यह रचना, ओर नाम भी बहुत प्यारे लगे:)
बहुत ही सुन्दर गीत -शब्द चित्र है यह कविता एक भाव चित्र ,बखान भी बच्चे के आसपास ही कहीं होने का एहसास कराती हुई रचना .
वाह ...बहुत बढि़या ।
कल 09/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।
धन्यवाद!
बहुत ही सुंदर कविता ...
बहुत सुन्दर ..
कुछ भी नाम बताओ लाला
मोहन चाहे नंदलाला
टीका तुम्हे लगा के काला
गले पिन्हा के माला
प्रेम से हम सब सराबोर हो
पलकों रोज बिठाएंगे ..
दौड़े द्वारे आयेंगे ...
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
बढिया लगी
are aap chhotu bhul gaye
bahut dino ke baad fir se blogging kerne ja reha hu
maza aa gaya
http://blondmedia.blogspot.com/2011/12/blog-post.html
मेरे नाम अनेक , दोस्तों ,
मैं छोटा सा भोलू .
कोई मुझसे सोनू कहता ,
कोई कहता गोलू .
दादा जी कहते हैं टिंकू ,
दादी कहती कालू .
मम्मी मुझसे लल्ला कहतीं,
पापा कहते लालू .
मेरे घर जब आता कोई,
कहता -नाम बताओ ?
चुप रह जाता , सर चकराता
क्या बोलूँ ? बतलाओ ?
bahut pyari kavita
very nice and lovely poem..
Please visit my site and share your views... Thanks
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नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये