नमस्कार, आईये जुडे मेरे इस ब्लांग से, आप अपनी बाल कहानियां, कविताय़ॆ,ओर अन्य समाग्री जो बच्चो से के लायक हो इस ब्लांग मे जोडॆ,आप अगर चाहे तो आप भी इस ब्लांग के मेम्बर बने ओर सीधे अपने विचार यहां रखे, मेम्बर बनने के लिये मुझे इस e mail पर मेल करे, ... rajbhatia007@gmail.com आप का सहयोग हमारे लिये बहुमुल्य है,आईये ओर मेरा हाथ बटाये.सभी इस ब्लांग से जुड सकते है, लेकिन आप की रचनाये सिर्फ़ सिर्फ़ हिन्दी मे हो, आप सब का धन्यवाद

पोपाईया ओर मिल्ट्री

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

अरे बच्चो जरा देखो तो सही इस पोपाई को क्या हुआ, बेचारा....


गणतंत्र दिवस

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

आईये आज आप को एक गीत सुनाऎ, अगर झूम ना पडो तो कहना...लेकिन उस से पहले आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई. ओर बच्चो याद रखना इस गीत को हमेशा

बच्चो के गीत,हम को मन की शक्त्ति देना

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो.... स्कुल जाते हो क्या अभी,अरे अभी नही, क्यो... हां तो अभी छोटे हो... अच्छा अच्छा तुम जाते हो, ओर कोन सी प्राथना करते हो??अरे जब हम स्कुल जाते थे तो यह प्राथना हम करते थे...
ध्यान से सुनो...

बच्चो के गीत

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो... सच्ची बताना तुम अपने भाई बहिनो से लडते हो या नही?? क्या लडते हो, कभी कभी..... अच्छा पहले यह गीत सुनो फ़िर बताना अब तुम्हारा दिल करता है लडने को??? अरे अच्छे बच्चे किसी से भी नही लडते, ओर अपने भाई बहिन से तो बिलकुल भी नही,बहुत प्यार से रहते है,

बच्चो का गीत सारे के सारे गामा

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

अरे बच्चो कहां हो भाई आज तुम सब .....? चलो चलो बेठे, अरे पलटू, अरे शोभिता, अरे छोटू सब बेठो पहले यह गीत सुनो फ़िर तुम सुनाना...

बच्चो की कहानिया, तेलानी राम १९

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो.... इस कहानी को ध्यान से देखो ओर बताओ कि तुम ने इस कहानी से क्या शिक्षा ली.

बच्चो के गीत लला लला लोरी

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो... ्तुम ने लोरी तो सुनी होगी जब बहुत ही छोटे थे तब ना, क्या भुल गये... अरे अरे... कोई बात नही आज हम सुनाये गे इन फ़िल्म के साथ एक सुंदर सी लोरी...

बच्चो की कहानिया,लकडी की काठी

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो.आओ बच्चो तुम्हे आज घोडे की पीठ पर बिठा कर सेर करवाते है, चलो आओ आओ, अरे डरो मत, यह घोडा तो बहुत सयाना है, ना खाता है ना ही पीता है, बस बच्चो को अपनी पीठ पर बिठा कर खुब घुमाता है, तो चलो सब बच्चे लाईन मे आओ....

बच्चो की कहानिया, चुलबुली

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो.... आओ आज तुम्हे चुलबुली से मिलवाते है, क्या तुम चुल वुली को जानते हो... नही ना, तो चलो बेठॊ ओर देखो चुलवुली

बच्चो की कहानिया, चुहे ने मारा बिल्ली को

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो... आज तुम्हे जो कहानी सुना रहे है यह थोडी अलग है, इस कहानी को ध्यान से देखना, फ़िर ममी पापा से पुछ कर इसे समझाना, इस कहानी से हमे जो शिक्षा मिलती है उसे हमेशा ध्यान मे रखना, ओर ध्यान से देखो इस फ़िल्म को..

बच्चो की कहानियां धोखे वाज भेडिया

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो आज तुम्हे एक ऎसे भेडिये की कहानी सुनाता हु , जो अपने आप को बहुत होशियार समझता था, तो देखो किसी को धोखे मे मत रखो ओर ना ही किसी को धोखा दो..

बच्चो की कहानियां लोमडी ओर कोवा

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

बच्चो आओ आज तुम्हे एक चालाक लोमडी की कहानी सुनाये,अरे नही दिखाये, ओर यह देख कर सबक लेना, कभी भी किसी की बातो मे मत आना, सयाने बनाना, तो शुरु करु कहानी या अभी गप्पे मारनी हे,तो देखो लोमडी ओर कोवे की कहानी.....

बच्चो की कहानियां.

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

अहसान फ़रामोश
बच्चो आओ आज तुम्हे एक ओर अच्छी कहानी सुनाते हे, लेकिन तुम कभी भी ऎसे मत बनना, अच्छे बच्चे बनना, तो देखॊ ओर सुनो यह एक कहानी, बताना ना भुलना, केसी लगी यह कहानी..

आरती संतोषी माता की

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

आरती संतोषी माता की
जय सन्तोषी माता, जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन को, सुख सम्पति दाता॥ जय ..

सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हों।
हीरा पन्ना दमके तन सिंगार लीन्हों॥ जय ..

गेरु लाल जटा छवि बदन कमल सोहे।
मन्द हसत करुणामयी त्रिभुवन मन मोहै॥ जय ..

स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर ढुरे प्यारे।
धूप दीप मधु मेवा, भोग धरे न्यारे॥ जय ..

गुड़ और चना परम प्रिय तामे संतोष कियो।
सन्तोषी कहलाई भक्तन विभव दियो॥ जय ..

शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही।
भक्त मण्डली छाई कथा सुनत मोही॥ जय ..

मन्दिर जगमग ज्योति मंगल ध्वनि छाई।
विनय करे हम बालक चरनन सिर नाई॥ जय ..

भक्ति भाव मय पूजा अंगी कृत कीजै।
जो मन बनै हमारे इच्छा फल दीजै॥ जय ..

दु:खी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये।
बहु धन धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए॥ जय ..

ध्यान धरो जाने तेरौ मनवांछित फल पायौ।
पूजा कथा श्रवण कर उर आनन्द आयौ॥ जय ..

शरण गहे की लज्जा राख्यो जगदम्बे।
संकट तूही निवारे, दयामयी अम्बे॥ जय ..

संतोषी माँ की आरती जो कोई जन गावै।
ऋषि सिद्धि सुख संपत्ति जी भर के पावै॥ जय ..

मैं नहीं माखन खायो

प्रस्तुतकर्ता राज भाटिय़ा

मैं नहीं माखन खायो मैय्या मोरी, मैं नहीं माखन खायो ।
भोर भयो गऊवन के पीछे, मधुवन मोहि पठायोरी ।
चार पहर बंशीबन भट्क्यो, साँझ पडी घर आयोरी ॥

मैं माखन......................................
मै बालक बैयन को छोटो,छिको किस विध पायोरी ।
ग्वाल बाल सब गैला पडे हैं, बरबस मुख लिपटायोरी ॥

मैं माखन.............................................................
इतनी सुनके हंसी यशोदा, ले उर कंठ लगायोरी ।
सुर श्याम शरणागत तेरी, चरण कमल चित ल्यायोरी ॥

मैं माखन.............................................